नई दिल्ली : चंद्रयान-3 की सफलता के बाद, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अब अपना पहला सोलर मिशन लॉन्च करने जा रहा है। इसरो ने बताया कि सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला, आदित्य-L1 का लॉन्च श्रीहरिकोटा से 2 सितंबर, 2023 को 11:50 बजे निर्धारित है। आदित्य एल1 सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष-आधारित भारतीय मिशन होगा।
इस मिशन की लॉन्चिंग लाइव देखने के लिए इसरो कल से रजिस्ट्रेशन विंडो खोलने जा रहा है। आज इस बारे में जानकारी देते हुए इसरो ने ट्वीट किया कि 29 अगस्त को दोपहर 12:00 बजे से यह विंडो खुल जाएगी और जो भी व्यक्ति इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनना चाहता है वो रजिस्ट्रेशन कर सकता है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आदित्य एल1 का अनुमानित बजट 378 करोड़ रुपये है। हालांकि, इस सौर मिशन की कुल लागत अभी तक इसरो द्वारा आधिकारिक तौर पर जारी नहीं की गई है। इस मिशन का लक्ष्य सूरज के फोटोस्पेयर, क्रोमोस्फेयर और बाहरी लेयर के बारे में पता लगाना और उसका अध्ययन करना है।
आदित्य-एल1 का इस्तेमाल कोरोना और सौर क्रोमोस्फीयर पर और एक्स-रे पेलोड का इस्तेमाल करके सूरज का अवलोकन करने के लिए होगा। आदित्य एल-1 स्पेसक्राफ्ट को L1 के चारों ओर एक हॉलो ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा। एल1 प्वाइंट के आसपास हेलो ऑर्बिट में रखे गए सैटेलाइट को सूर्य को बिना किसी ग्रहण के देखने में सहायता मिलती है। जिससे कि वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष के मौसम पर इसके पड़ने वाले असर को देखा जा सकेगा।