नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म करने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज (29 अगस्त) 12वें दिन की सुनवाई हुई। सुनवाई के दाैरान केंद्र ने कोर्ट को बताया कि जम्मू-कश्मीर को दो अलग यूनियन टेरिटरी (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांटने का कदम अस्थायी है।
जल्द ही दोनों केंद्र शासित प्रदेशों को वापस एक राज्य बना दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा कि चुनाव कब करवाए जाएंगे।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि आखिर किस तरह अनुच्छेद-367 में संशोधन कर जम्मू-कश्मीर का स्पेशल स्टेटस हटाया जा सकता है… क्या जम्मू-कश्मीर राज्य की सहमति जरूरी नहीं थी? जब दूसरा पक्ष ( जम्मू-कश्मीर विधानसभा) मौजूद नहीं था, तब सहमति कैसे मिली !
क्या अनुच्छेद-370 को हटाने के लिए एक तरीके से अनुच्छेद-370 का इस्तेमाल किया जा सकता है…? सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अनुच्छेद-370 का प्रावधान हटने से मनोवैज्ञानिक असमानता दूर हो गई है, एकता लाने के किसी भी कदम का स्वागत किया जाना चाहिए। संशोधन संसद की इच्छा के माध्यम से व्यक्त की गई लोगों की इच्छा है।