खास खबर, पहली कक्षा की नवया को कलयुगी पिता द्वारा मौत के घाट उतारने के बाद तीन साल की संर्घष के बाद मॉ ने दिलाया इंसाफ
खुनी पिता को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाने के साथ ठोका तीस हजार रुपए का जुर्माना, अंत का लड़ाई लडऩे का किया मॉ ने ऐलान
विकास सुखीजा
करनाल, 18 नवंबर। जिले के गांव ऊचानी की आठ साल की मासूम बेटी नवया को आखिरकार उसकी मॉ ने तीन साल के संर्घष के बाद उसे इंसाफ दिलाने में कामयाबी मिली है। ज्ञात रहे कि विगत 25 जुलाई 2020 को नवया की तेजधार चाकू से उसके कलयुगी पिता ने उसका गला रेत कर उसे मौत के घाट उतार डाला था। इस सनसनीखेज वारदात में इंसाफ मिलने के बाद नवया की मॉ कृष्णा देवी ने राष्ट्रीय सहारा से खास बातचीत करते हुए कहा कि बेशक उसने अपनी मासूम बेटी को खो दिया हो, लेकिन वो तब तक चैन से नही बैठने वाली नही, जब तक उसकी पति का मिली सजा को वो बरकार नही रख लेती।
कृष्णा देवी अपनी बेटी की हत्या के बाद से ही अपना सुसराल छोड़ कर अपने मायके पानीपत में रह रही है और जब कि उसका 18 साल का बेटा अपने कलयुगी पिता के घर पर ही रहता है। कृष्णा ने बातचीत में खुलासा करते हुए बताया कि उसका विवाह करनाल के गांव ऊचानी के निवासी रोहित के साथ वर्ष 2003 में हुआ था, उस समय उनकी व उसकी सुसराल की स्थिति मजूबत थी, लेकिन उसका पति नाकारा था और अकसर वे शराब में घुत रहता था, क्यों कि उसे शराब पीने के लिए उसकी उसकी सुसराल वाले ही पैसे दिया करते थे, इसी कारण उसका उसके पति के साथ झगड़ा होता था, लेकिन उसे यह मालूम न था कि उसका पति एक दिन उसकी 8 साल की मासूम बेटी नवया की हत्या कर देगा।
उसने बताया कि शराबी पति होने के कारण वे घर से अलग हो गई थी, जिस कारण उनकी आॢथक स्थिति में बहुत खराब हो गई थी, क्यों कि उसका पति किसी तरह का काम काज नही करता था और घर चलाने के लिए उसने लोगों के घरों में साफ सफाई व बर्तन धोने का काम शुरू किया हुआ था। उसने बताया कि विगत 25 जुलाई 2020 की शाम साढे पांच बजे वह घर से काम पर निकली तो ठीक पांच मिनट बाद ही उसकी मौसेरी बहन ने उसे फोन कर सूचित किया कि नवया को उसके पिता ने उसकी गर्दन पर वार कर मौत के घाट उतार दिया है, यह सुनते ही उसके पैरों के नीचे से जमीन निकल गई और जब वह भागती हुर्ई घर पहुंची तो उसकी बेटी की मौत हो चुकी थी।
जिस के बाद पुलिस को बुलाया गया और मामला दर्ज कर पुलिस ने उसके पति को गिरफ्तार कर लिया। तैरवी पर उसने अपना घर छोड़ मायमे में जाना तह करते हुए वह पानीपत अपनी मां के पास चली गई। उसने बताया कि तीन साल के संर्घष के बाद उसे गत दिवस मोहित अग्रवाल की अदालत से इंसाफ मिला। उसने बताया कि इस दौरान उसकी सुसराल वाले भी आए हुए थे और उन्हें उम्मीद थी कि रोहित को बेगुणा साबित कर दिया जाएगा, लेकिन अदालत ने उसे इंसाफ दिया। उसने बताया कि इस दौरान उन पर उसकी सुसराल वालों ने रोहित के पक्ष में ब्यान देने का दबाब बनाया और उसे वापीस सुसराल चलने के लिए कहां, लेकिन उसने साफ इंकार कर दिया और अपनी लड़ाई जारी रखी।
कृष्णा ने बताया कि उसकी आॢथक स्थिति खराब होने के बाद भी उसने सरकारी अधिवक्ता के साथ साथ अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए दो-दो वकील किए और स्वयं मेहनत मजदूरी कर उनकी फीस उन्हें पहुंचाई। कृष्णा ने बताया कि उसकी बेटी को इंसाफ मिला है, लेकिन उसकी सुसराल वाले भी इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय में जाने की तैयारी कर रहे है, लेकिन कृष्णा का कहना है कि वो जहां जाना चाहते है, जाए, लेकिन उसके रहते वह किसी भी किमत पर अपने पति को छोडऩे वाली नही है।
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