प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पानीपत से किया एमएचयू के कैंपस का शिलान्यास
शिलान्यास समारोह के उपलक्ष्य में एमएचयू के प्रांगण में बागवानी के विकास पर सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें सैंकड़ों की संख्या में प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया।
करनाल, 9 दिसंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पानीपत में आयोजित कार्यक्रम से महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल के 421 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले मैन कैंपस का वर्चुअली शिलान्यास किया। शिलान्यास समारोह के उपलक्ष्य में एमएचयू के प्रांगण में बागवानी के विकास पर सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें सैंकड़ों की संख्या में प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया।
समारोह में कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दिखाया गया, जैसे ही माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एमएचयू के मैन कैंपस का शिलान्यास किया, उस वक्त आयोजन स्थल पर एमएचयू कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा की गरिमामयी उपस्थिति में तालियों की गडगडाहट से वातावरण में उत्साह-जोश का माहौल व्याप्त हो गया। सभी अधिकारियों, वैज्ञानिकों, किसान भाईयों ने कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एमएचयू के मैन कैंपस के शिलान्यास करने पर बधाई दी। कार्यक्रम में वैज्ञानिकों ने किसानों को सम्बोधित किया ओर अपने-अपने बागवानी विषयों के संबंध में प्रश्न पूछे, जिनका किसान भाईयों ने बखूबी जवाब दिया। सही जवाब देने वाले किसान भाईयों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
किसान संगोष्टी में बागवानी विभाग हरियाणा सरकार के एचओडी स्पेशल डॉ अर्जुन सिंह सैनी, डायरेक्टर जनरल हॉर्टिकल्चर डॉ रणबीर सिंह, बागवानी महाविद्यालय के डीन व अनुसंधान निदेशक डॉ रमेश गोयल, रजिस्ट्रार सुरेश सैनी, एसडीएम अभिनव मेहता, डीन पीजीएस डा धर्मपाल चौधरी, डीईई डॉ विजय पाल यादव, एचटीआई हॉर्टिकल्चर हरियाणा सरकार के संयुक्त निदेशक व प्रिंसिपल डॉ जोगिंद्र, एक्सईएन अनुज गुप्ता, डीएचओ डॉ मदन सिंह सहित अन्य वैज्ञानिकों ने विशेष तौर से भाग लिया। मंच संचालन छात्र कल्याण निदेशक डॉ रंजना गुप्ता ने किया।
महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा ने बताया कि विश्वविद्यालय के मैन कैंपस का निर्माण कार्य 2 पैकेज में एक साथ होगा। मेन कैंपस का निर्माण 65 एकड़ जमीन पर किया जाएगा। निर्माण कार्य लगभग 2 साल में बनकर पूरा हो जाएगा। महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय हरियाणा की पहली बागवानी यूनिवर्सिटी हैं, जो उत्तर भारत के मैदानी इलाके के किसान भाईयों के लिए वरदान साबित होगी, विश्वविद्यालय का सबसे पहला फायदा किसान भाईयों को मिलेगा, जिससे उनकी आय में यकीकन बढ़ोतरी होगी।
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