जिला पुलिस के साइबर अपराध थाना की टीम ने बस स्टैंड पर लोगों को किया साइबर अपराधों के प्रति जागरूक
साइबर अपराध हैल्पलाइन नम्बर 1930, डायल 112 व राष्ट्रीय साइबर अपराध रिर्पोटिंग पोर्टल के बारे में दी जानकारी
करनाल : जिला पुलिस करनाल द्वारा लोगों के साथ साइबर अपराधियों द्वारा किये जाने वाले विभिन्न प्रवृति के साइबर अपराधों से लोगों को बचाने व लोगों को जागरूक करने के लिए अक्टूबर माह में चलाए जा रहे साइबर जागरूकता अभियान के तहत प्रतिदिन साइबर अपराध जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे है। अधिक से अधिक लोगों को साइबर अपराधों के बारे मे जानकारी देकर उनको संभावित साइबर अपराध से बचाने के लिए प्रत्येक माह के प्रथम बुधवार को जिला पुलिस द्वारा साइबर अपराध जागरूकता अभियान चलाया जाता है।
इस दौरान करनाल पुलिस की टीमें अलग-2 स्कूलों, गांवों व सार्वजनिक स्थानों पर जाकर विधार्थियों व लोगों को साइबर अपराधो के प्रति जागरूक करती हैं और लोगों को साइबर अपराधों से बचने के लिए टिप्स देती हैं। इसी कडी में आज साइबर अपराध थाना की टीम द्वारा बस स्टैंड करनाल पर लोगों को साइबर अपराधों के बारे में विस्तार से जानकार दी गई व साइबर अपराध होने से कैसे बचा जाये, के बारे में जरूरी जानकारी व बरती जाने वाली सावधानियों से अवगत करवाया गया।
इस सैमिनार में लोगों को बताया गया कि कैसे साइबर ठग लोगों के साथ ठगी करने के अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं। जिसके कारण लोग आर्थिक ठगी के साथ मानसिक तौर पर भी परेशान रहते हैं। इंटरनेट की दुनिया में व सोशल मीडिया साईट्स पर हमारी छोटी सी गलती कैसे हमारे लिये आर्थिक तौर व मानसिक तौर पर हानिकारक साबित होती है। लोगों को बताया गया कि इंटरनेट प्रयोग करते समय हमें हमेशा सुरक्षित वेबसाईटों पर ही विजिट करनी चाहिए। अपने सोशल मीडिया खातों को एक मजबूत पासवर्ड लगाकर सुरक्षित रखना चाहिए और उन पासवर्ड को समय-समय पर बदलते रहना चाहिए।
अपनी कोई भी फोटो या विडियों इंटरनेट पर शेयर नही करनी चाहिए। किसी अंजान व्यक्ति के साथ फोन कॉल या वीडियो कॉल करने से परहेज करना चाहिए और सोशल मीडिया पर किसी अंजान व्यक्ति के पास ना तो फ्रेंड्स रिक्वेस्ट भेजनी चाहिए और ना ही किसी अंजान व्यक्ति की फ्रेंड्स रिक्वेस्ट असेप्ट करनी चाहिए। किसी भी तरह का ओटीपी नम्बर हमें किसी के साथ सांझा नही करना चाहिए। सोशल साईट्स पर प्रचलित प्रलोभन देने वाले संदेशों के झांसे में नही आना चाहिए।
इस प्रकार की उपयोगी जानकारी हम अपने पारिवारिक सदस्यों, परिचितों व सगे संबंधियों के साथ सांझा करके उनके साथ होने वाले साइबर अपराध से उनको बचा सकते हैं। इस प्रकार की छोटी-छोटी सावधानियां बरतकर हम एक संभावित बडा साइबर अपराध होने से बच सकते हैं। इसके अलावा सभी लोगों को साइबर अपराध होने की स्थिति में राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाईन नम्बर 1930, 112 व राष्ट्रीय साइबर अपराध रिर्पाेटिंग पोर्टल की वेबसाईट पर शिकायत करने के बारे में भी विस्तार से जागरूक किया गया।
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