श्री जगदम्बा देवी पंखा दंगल कमेटी (पंजीकृत) की देखरेख एवं प्रबंधन में होने वाला यह 73 वां वार्षिक दंगल होगा
उत्तरी भारत के तीन दिवसीय सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक वार्षिक पंखा दंगल का आयोजन सुनिश्चित कर दिया गया है। हर वर्ष नवरात्र एवं दशहरा पर्व के उपलक्ष में होने वाला यह दंगल आगामी 20, 21, 22 अक्तूबर (शुक्रवार, शनिवार, रविवार) को करनाल के रामलीला दंगल ग्राउंड में होगा, जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों के प्रसिद्ध अखाड़ों के जाने माने पहलवान इनामी कुश्तियों के लिए शिरकत करेंगे।
करनाल, 17 अक्तूबर : उत्तरी भारत के तीन दिवसीय सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक वार्षिक पंखा दंगल का आयोजन सुनिश्चित कर दिया गया है। हर वर्ष नवरात्र एवं दशहरा पर्व के उपलक्ष में होने वाला यह दंगल आगामी 20, 21, 22 अक्तूबर (शुक्रवार, शनिवार, रविवार) को करनाल के रामलीला दंगल ग्राउंड में होगा, जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों के प्रसिद्ध अखाड़ों के जाने माने पहलवान इनामी कुश्तियों के लिए शिरकत करेंगे।
श्री जगदम्बा देवी पंखा दंगल कमेटी (पंजीकृत) की देखरेख एवं प्रबंधन में होने वाला यह 73वां वार्षिक दंगल होगा। इस दंगल की सबसे बड़ी कुश्ती गुर्ज़ की कुश्ती कहलाती है, जिसमें विजेता पहलवान को गुजऱ् के साथ नकद राशि भेंट कर सम्मानित किया जाता है। पंखा दंगल कमेटी के अध्यक्ष पहलवान रामधन कांबोज ने बताया कि इस साल गुजऱ् की कुश्ती के लिए 1 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया है जोकि तीसरे दिन फाइनल मुकाबले में विजेता पहलवान को गुजऱ् सहित दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि दंगल में तीनों दिन इनामी कुश्ती मुकाबले होंगे। ये मुकाबले प्रतिस्पर्धी पहलवानों के वजन के आधार पर तय की जाएंगी। कुश्तियां मिट्टी के अखाड़े की बजाए गद्दों पर होंगी। दंगल कमेटी अध्यक्ष ने बताया कि पंखा दंगल में विगत वर्षों की भांति इस बार भी महिला पहलवानों की कुश्तियां करवाई जाएंगी। इस दंगल में महिला पहलवानों की कुश्तियां 2014 से शुरु की गई थी, जबकि इससे पहले केवल पुरुष पहलवान ही यहां कुश्तियां लड़ा करते थे।
रामधन कांबोज ने बताया कि पंखा दंगल कमेटी ने पुरुषों के पारंपरिक मुकाबलों से हट कर महिला पहलवानों की कुश्तियों की शुरुआत, समाज में स्त्री-पुरुष को समानता के अधिकार के आधार पर अवसर दिए जाने की सोच के तहत की थी, जिसे निरंतर आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पारंपरिक पंखा दंगल हमारे खेल जगत की शान होने के साथ-साथ कर्ण भूमि करनाल की ऐतिहासिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विरासत का एक स्वर्णिम अध्याय भी है।
उन्होंने बताया कि ये दंगल देश के विभाजन से पहले से होते चले आ रहे हैं। आजादी से पहले ये दंगल करनाल के तत्कालीन नवाब एवं पाकिस्तान के प्रथम पूर्व प्रधानमंत्री लियाकत अली खां का खानदान परम्परागत रूप से करवाया करता था। आजादी के बाद से इन दंगलों का आयोजन हर साल श्री पंखा दंगल कमेटी करवाती चली आ रही है। पंखा दंगल अध्यक्ष ने बताया कि पहले दिन 20 अक्तूबर को पंखा दंगल का शुभारंभ माननीय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के प्रतिनिधि संजय बठला करेंगे।
21 अक्तूबर को घरौंडा विधायक हरविंद्र कल्याण मुख्य अतिथि होंगे, जबकि 22 अक्तूबर को समापन समारोह में हिसार सांसद चौधरी बृजेंद्र सिंह फाइनल कुश्ती विजेता पहलवान को गुजऱ् व 1 लाख रुपए के नकद इनाम से सम्मानित करेंगे।
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