हरियाणा के सिखों ने अब पंजाब अथवा दिल्ली के प्रभाव से मुक्त होकर अपने हक़ों की लड़ाई लडऩे का फ़ैसला लिया : पन्नू
इंटरनेशनल सिख फोरम के महासचिव एंव सिख समाज के नेता प्रितपाल सिंह पन्नू ने जानकारी देते हुए बताया कि उनकी पहली मांग ये है कि हरियाणा में 15-20 विधान सभा सीटों में सिख बड़ी गिनती में हैं, आने वाले विधान सभा चुनावों में यहाँ से सिख उम्मीदवार उतारे जायीं।
करनाल, 7 जुलाई। हरियाणा के सिखों ने अब पंजाब अथवा दिल्ली के प्रभाव से मुक्त होकर अपने वजूद को स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है और इसके लिए धड़े बंदी व पार्टी बाज़ी से ऊपर उठकर एक जुट होकर अपने हक़ों की लड़ाई लडऩे का फ़ैसला किया है। बैठक में विशेष रूप से उपस्थित बाबा सुखा सिंह डेराकार सेवा करनाल व गुरुद्वारा राज करेगा खालसा डाचर से जत्थेदार बाबा गुरमीत सिंह ने सिख संगत के फ़ैसले की प्रोड़ता की।
अपने संबोधन में बाबा गुरमीत सिंह ने सभी को गुरुबानी के साथ जुडऩे, पंजाबी भाषा को बढ़ावा देने की सलाह दी। आज करनाल के डेरा कार सेवा में आयोजित प्रदेश स्तरीय बैठक में करनाल के साथ साथ हिसार, जींद, पानीपत, सोनीपत, कुरुक्षेत्र, अंबाला, कैथल, सिरसा व यमुनानगर जिलों से आये सिख समाज के प्रतिनिधियों ने अपनी राजनीतिक, सामाजिक हिस्सेदारी की आवाज़ उठाने का प्रण लिया और बोले सो निहाल, सत् श्री अकाल के जैकारों के बीच निम्न माँगों को लेकर संघर्ष करने की सहमति दी।
इंटरनेशनल सिख फोरम के महासचिव एंव सिख समाज के नेता प्रितपाल सिंह पन्नू ने जानकारी देते हुए बताया कि उनकी पहली मांग ये है कि हरियाणा में 15-20 विधान सभा सीटों में सिख बड़ी गिनती में हैं, आने वाले विधान सभा चुनावों में यहाँ से सिख उम्मीदवार उतारे जायीं। अगर कोई सीट रिज़र्व हो तो ऐसी सीट पर रिज़र्व सिख जैसे मज़हबी, रविदासिया, शिक्लीघर आदि को टिकट दी जाये। इसके अलावा अगली लोकसभा में सिख समुदाय के दो प्रतिनिधियों को टिकट मिले व राज्य सभा में भी हरियाणा के सिख समाज को प्रतिनिधित्व दिया जाये। पंजाबी को दूसरी भाषा का दर्जा प्राप्त है,
लेकिन सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में पंजाबी के टीचर नहीं हैं। सरदार पन्नू ने बताया कि पंजाबी टीचर भर्ती का रिजल्ट भी लंबित है। पिछला रिजल्ट निकाला जाये व जिन सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में पंजाबी टीचर नहीं हैं वहाँ पोस्ट दी जाये। पंजाबी साहित्य अकादमी को पहले की तरह स्वतंत्र प्रभार दिया जाए ताकि पंजाबी भाषा के विकास के कार्य हो सकें। सोशल मीडिया पर सिख धर्म, गुरु साहेबान, सिख क़ौम के बारे ग़लत प्रचार करने व सिखों को टारगेट बनाकर व गलत शब्द इस्तेमाल कर हमला करने पर सख़्त कारवाई करने के लिए हर ज़िले में एसआईटी का गठन किया जाये।
परीक्षाओं में अमृतधारी बच्चों के ककार न उतरवाने के लिये स्पष्ट निर्देश दिये जायें व ऐसा करने पर संबंधित अधिकारी के ख़िलाफ़ क़ानूनी व विभागीय कारवाई की जाये। उन्होंने बताया कि राज्य में अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया जाये और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग में हरियाणा के सिखों को प्रतिनिधित्वि दिया जाये तथा सिख आबादी वाले सभी जिलों में सिख कम्युनिटी सेंटर बनाने के लिए सरकारी स्थान व अन्य जातियों को दी गई ग्रांट की तर्ज़ पर ग्रांट दी जाये। उन्होंने अपनी और मांग रखते हएु बताया कि हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव अति शीघ्र करवाए जायें व चुनाव से पहले नये वोट बनवाने व पुरानी वोटर सूची को ठीक करने की हिदायत दी जाये।
उपरोक्त माँगों की पूर्ति के लिए हरियाणा की सिख संगत प्रदेश के हर जिले से सिख चुनिंदा सिख प्रतिनिधि लेकर 51 सदस्यीय कमेटी घोषित करेगी। यह कमेटी सिप्तम्बर में एक प्रदेश स्तरीय सिख सम्मेलन करेगी। जिसमें लाखों की तादाद में प्रदेश के सिख इक्क_ा होकर अपने हक़ों की माँग करेंगे। बैठक में प्रदेश के विकास में भी अपनी मेहनत, टैक्स में भागीदारी, सरहदों पर अपने बच्चों को फ़ौजी के रूप में भेजकर अपना पूरा योगदान देने वाले और प्रदेश में 18 लाख से अधिक की गिनती में मौजूद सिख समुदाय को कभी उनका बनता हक़ न मिलने का रोस व्यक्त किया गया।
बताया गया कि आज न तो लोक सभा में न ही राज्य सभा में हरियाणा के सिख समुदाय का कोई प्रतिनिधि है। विधान सभा में भी उन्हें केवल वायदों का लॉलीपॉप दिया जाता है व इस समय प्रदेश सरकार में एक भी मंत्री सिख समाज से नहीं है। अब इन सब बातों के लिए सरकार, विपक्ष व अन्य पक्षधरों से सिख समाज की 51 सदस्यीय कमेटी बात करेगी और जो भी पक्ष सिख समाज की माँगों को पूरा करेगा उसी का साथ दिया जायेगा।
सिख समाज ने स्पष्ट कर दिया कि अगर किसी भी पार्टी ने उनकी और ध्यान नहीं दिया तो वो एकला चलो की पद्धति पर चलते हुए अपने लोगों को राजनीतिक तौर पर मज़बूत किया जाएगा। आज की इस बैठक के आयोजकों ने बता दिया कि उनमें से कोई भी चुनाव नहीं लडऩा चाहता इस लिए वो निस्वार्थ भाव से क़ौम की बेहतरी के लिए आगे आये हैं। आज की बैठक में इंटरनेशनल सिख फोरम के महासचिव प्रीतपाल सिंह पन्नु, किसान नेता जगदीप सिंह औलख, किसान नेता अमृत सिंह बुग्गा, युवा सिख नेता सुरेंद्र पाल सिंह रामगढय़िा, आदि मौजूद रहे।
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