केंद्रीय मंत्री ने लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के निधन पर प्रकट किया गहरा दु:ख, शोकाकुल परिवार को दी सांत्वना
परिजनों व विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी की वेदना सुनकर मनोहर लाल की आंखें हुई नम, कहा दु:ख की इस घड़ी में सरकार परिवार के साथ

विकास सुखीजा
करनाल, 24 अप्रैल। केंद्रीय ऊर्जा, आवास एवं शहरी मामले मंत्री मनोहर लाल वीरवार को करनाल पहुंचे और कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादी हमले के शिकार हुए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया और परिजनों को सांत्वना दी। परिजनों व विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी की वेदना सुनकर मनोहर लाल की आंखे नम हो गईं।
उन्होंने कहा कि यह घटना परिवार के साथ-साथ देश के लिए भी बहुत दुखदायी है, दुख की इस घड़ी में सरकार परिवार के साथ है और परिवार की हर संभव मदद की जाएगी। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि यह बहुत ही दु:ख की बात है कि देश का एक नौजवान और होनहार सैनिक लेफ्टिनेंट विनय नरवाल आतंकवादियों के हमले का शिकार हो गया है।
इस घटना को लेकर सिर्फ उनके परिवार में ही नहीं, हम सब के मन में भी बहुत ही दु:ख है कि लेफ्टिनेंट विनय नरवाल जिसे लम्बे समय तक देश की सेवा करनी थी, उसे कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने बर्बरतापूर्वक गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। आतंकवादियों की इस घिनौनी हरकत की मैं घोर निंदा करता हूं। उन्होंने बताया कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के अलावा 25 अन्य पर्यटक तथा एक स्थानीय नागरिक भी मारा गया है।
इनमें नेपाल का एक पर्यटक भी हमले का शिकार हुआ है। मैंने नेपाल के प्रधानमंत्री से मिलकर उन्हें भी सांत्वना दी। इस घटना के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री के बीच बातचीत हुई है। उन्होंने पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की। भारत के कश्मीर व अन्य प्रदेशों में और नेपाल में प्रतिवर्ष हजारों पर्यटक आते हैं, अगर पर्यटक सुरक्षित नहीं होंगे तो पर्यटन व्यवस्था में कठिनाईयां आएंगी।
उन्होंने कहा कि गत दिवस नेपाल प्रवास के दौरान भारत से तीर्थ यात्रा आदि पर नेपाल गए पर्यटकों से मैंने मुलाकात की और इस मुद्दे पर बात की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहलगाम में हुई आतंकवादी घटना से बेहद आहत हैं और तुरंत अपने विदेश दौरे को रद्द करके भारत लौट आए और उन्होंने कल दिन भर इस संबंध में बैठकें की और आपसी बातचीत हुई हैं। कैबिनेट की सिक्योरिटी कमेटी की बैठक हुई है और पाकिस्तान के खिलाफ हमारे देश के बाहरी मामले मंत्रालय ने जो कदम उठाए हैं, बहुत ही सख्त कदम हैं, इन्हें कोई हल्के में न लें।
उन्होंने बताया कि इन निर्णयों में पाकिस्तान हाई कमीशन में रक्षा, सैन्य, वायुसेना और नौसेना सलाहकार अवांछित व्यक्ति घोषित किए। एक सप्ताह में भारत छोडऩा होगा। अटारी बॉर्डर को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को भारत के लिए कोई वीजा नहीं दिया जाएगा, जो पहले ही वीजा पर भारत आए हुए हैं, उन्हें भी 1 मई से पहले भारत छोडऩे के लिए कह दिया गया है। इसके अलावा एक महत्वपूर्ण निर्णय सिंधु जल समझौता को रद्द कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस बात को हल्के में न ले।
अगर फिर से पाकिस्तान इस प्रकार की किसी गतिविधि का कोई संकेत देता है तो उसे भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा। आज दुनिया के अन्य देश इस मामले में आतंकवाद के खिलाफ हमारे साथ खड़े हैं और इन आतंकवादी घटनाओं को रोकने के लिए भारत को किसी भी प्रकार की कार्रवाई करनी होगी तो जरूर की जाएगी।
उन्होंने बताया कि देश के प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री व विदेश मंत्री सभी स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सभी पार्टियों की बैठक की जा रही है, सभी पार्टियों के लोगों ने इस घटना की निंदा की है। इस समय देश एक है, मजबूत है और देशवासियों में इस घटना को लेकर रोष है।
लेकिन यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश में ही कुछ लोग इस आतंकवादी घटना को धार्मिक रंग भी दे रहे हैं। उन्हें इस बात को समझना चाहिए और ऐसा नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने जो बर्बरतापूर्ण हमला किया है उसकी प्रतिक्रिया में भारत सरकार अपनी रणनीति तय कर रही है।
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