नई दिल्ली : भारत के 18 वर्षीय चेस ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रज्ञानानंदा का सपना आज टूट गया। नॉर्वे के पांच बार के विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन ने प्रज्ञानानंदा को फिडे विश्व कप फाइनल के पहले टाईब्रेकर में हराकर खिताब अपने नाम कर लिया है। मैग्नस कार्लसन ने फाइनल के टाईब्रेकर में प्रज्ञानानंदा को 1.5-0.5 से हराया। इससे पहले, दोनों खिलाड़ियों ने क्लासिकल राउंड के दोनों गेम ड्रॉ खेले थे।
प्रज्ञानानंदा अगर यह मुकाबला जीत जाते तो 21 साल बाद कोई भारतीय यह टाइटल जीतता। इससे पहले विश्वनाथन आनंद ने 2002 में इस चैंपियनशिप में जीत हासिल की थी। तब प्रज्ञानानंदा पैदा भी नहीं हुए थे। वे 12 साल की उम्र में ग्रैंडमास्टर बन गए और सबसे कम उम्र में यह उपाधि हासिल करने वाले भारतीय बने। इस मामले में प्रज्ञानानंदा ने भारत के दिग्गज शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद का रिकॉर्ड तोड़ा।