नई दिल्ली । लोकसभा में डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल पास हो गया है। बिल में नियमों का उल्लंघन करने वाली संस्थाओं पर अधिकतम 250 करोड़ रुपये और न्यूनतम 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव है।
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे लोकसभा में पेश करते हुए कहा कि यह विधेयक वैश्विक स्तर पर भारतीय नागरिकों के डेटा की सुरक्षा के लिए है। इस विधेयक के तहत प्रत्येक डेटा उल्लंघन के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। भारत में सभी ऑनलाइन और ऑफलाइन डेटा इसके कानूनी डोमेन के अंतर्गत आएंगे।
इस बिल के मुताबिक बिना कंज्यूमर की मर्जी के डाटा का इस्तेमाल नहीं हो सकता। कंपनियों को हर डिजिटल नागरिक को साफ और आसान भाषा में सारी जानकारी देनी होगी। किसी भी समय ग्राहक अपना कन्सेंट वापस ले सकता है। डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल को देशवासियों के लिए जरूरी माना जा रहा है। दरअसल अब तक कहीं भी रजिस्ट्रेशन करते वक्त संबंधित कंपनी या प्लेटफॉर्म को हम अपना पर्सनल डाटा यूज करने की अनुमति देते हैं। इसमें कंपनी और यूजर के बीच इस तरह की स्थिति स्पष्ट नहीं होती है कि इस डाटा का प्रयोग कंपनी कैसे करेगी।
बता दें कि पर्सनल डाटा में लोगों का फोन नंबर, आधार, पैन, एड्रेस, लोकेशन सबकुछ होता है। इसके लीक होने से हैकर्स आसानी से यूजर्स की जानकारी को हासिल कर सकते हैं और उनके बैंक अकाउंट खाली करने से लेकर तमाम तरह के नुकसान पहुंचा सकते हैं। यही वजह है कि देश की तमाम पॉलिसी संस्थाएं लगातार सरकार पर दबाव बना रही थीं कि देश में डाटा संरक्षण के लिए एक कानून होना चाहिए जो आम लोगों के डाटा की सुरक्षा करे।