2030 तक हर जिला में शुरू हो जायेगा मेडिकल कॉलेज : मनोहर लाल

सीएम ने किया 821 करोड़ की 5 परियोजनाओं का शिलान्यास, योग सहायकों को कराया जायेगा डायटिशियन का कोर्स

Feb 24, 2024 - 17:43
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2030 तक हर जिला में शुरू हो जायेगा मेडिकल कॉलेज : मनोहर लाल
2030 तक हर जिला में शुरू हो जायेगा मेडिकल कॉलेज : मनोहर लाल

करनाल, 24 फरवरी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज यहां कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के सभागार में स्वास्थ्य क्षेत्र की 820.92 करोड़ की 5 परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि 2030 तक प्रदेश के हर जिला में मेडिकल कॉलेज शुरू हो जायेगा। सरकार बचाव और उपचार दोनों क्षेत्रों मेंं आगे बढ़ रही है। योग सहायकों को अल्पावधि का डायटिशियन का कोर्स कराया जायेगा। सभी नागरिकों के लिये यूनिवर्सल हेल्थ इंश्योरेंस कवर करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। मुख्यमंत्री ने आज यहां 5 परियोजनाओं को शिलान्यास किया।

इनमें 169.58 करोड़ की लागत से कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज के द्वितीय चरण का निर्माण, 33.41 करोड़ की लागत से पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय कुटेल में प्राइवेट वार्ड का निर्माण, 419.13 करोड़ की लागत से भगत फूल सिंह राजकीय मेडिकल कालेज खानपुर कलां (सोनीपत) के तृतीय चरण का निर्माण, 155.36 करोड़ की लागत से पंडित भगवत दयाल शर्मा पीजीआईएमएस रोहतक में प्राइवेट वार्ड कॉम्प्लेक्स का निर्माण और 43.44 करोड़ की लागत से राजकीय नर्सिंग कॉलेज सफीदों (जींद) का निर्माण शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा चिकित्सा क्षेत्र में तेज गति से आगे बढ़ रहा है।

सरकार ने डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने के लिए 2015 मेें हर जिला में मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय लिया था। आज प्रदेश के 12 जिलों में मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुके हैं। रेवाड़ी में हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 वें एम्स का शिलान्यास किया है। नौ अन्य जिलों में मेडिकल कॉलेज प्रक्रियाधीन हैं। तीन कॉलेजों के लिये जमीन ले ली गई है, वहां संभव हुआ तो आचार संहिता लागू होने से पहले शिलान्यास कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि 2030 तक हर जिला में मेडिकल कॉलेज शुरू हो जायेगा। सीएम ने कहा कि 2014 में प्रदेश में एमबीबीएस की 750 सीटें थीं और इनकी संख्या बढकऱ 21 सौ हो गई हैं। 2030 में सभी जिलों में मेडिकल कालेज शुरू होने के बाद एमबीबीएस में प्रवेश के लिये 36 सौ सीटें उपलब्ध होंगी।

आज प्रदेश में 28 हजार डॉक्टरों की जरूरत है। 2030 तक यह आवश्यकता 35 से 40 हजार तक हो सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले 6 साल में इस जरूरत को पूरा कर लिया जाएगा। सरकार का प्रयास है कि हर गांव में आबादी अनुसार एक या दो डॉक्टर उपलब्ध कराये जायें। सीएम ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना पहले बीपीएल परिवारों के लिये थी और उसमें आय सीमा 1.20 लाख रुपये थी, जिसे बढ़ाकर सरकार ने 1.80 लाख किया। ऐसा करने से 29 लाख परिवार इसके तहत कवर हुये। फिर आय सीमा 1.80 से बढ़ाकर 3 लाख रुपये तक की गई। इसके तहत योजना का लाभ उठाने वालों के लिये 15 सौ रुपये सालाना प्रीमियम निर्धारित किया गया। ऐसा करने से योजना में 7 लाख परिवार और बढ़ गये।

अब सरकार ने आय सीमा हटाकर सभी के लिये योजना लागू करने का निर्णय लिया है। तीन से छह लाख आय वालों को सालाना 4 हजार और 6 लाख से अधिक आय वालों को 5 हजार रुपये प्रीमियम अदा करना होगा। सभी नागरिकों के लिये यूनिवर्सल हेल्थ इंश्योरेंस कवर करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वास्थ्य बजट में 24 प्रतिशत की वृद्धि करके इसे 9500 करोड़ का किया है। निरोगी योजना के तहत 2 साल के अंदर हर नागरिक की स्वास्थ्य जांच की जायेगी। अब तक 2 करोड़ 26 लाख लोगों के लैब टेस्ट किये जा चुके हैं। राज्य में 6 साल तक 17 हजार के बच्चों के स्वास्थ्य की जांच में कोई न कोई कमी पाई गई। इन्हें इलाज कीे सलाह दी गई है।

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ऋतु अनुसार आहार का सेवन जरूरी

सीएम ने कहा कि सरकार आयुर्वेद को भी बढ़ावा दे रही है। गांवों में व्यायामशालाओं के साथ तीन कमरों का वेलनेस सेंटर बनाकर योग सहायकों को डाइटीशियन का कोर्स कराया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम परहेज भूल गये हैं। शाम को दही खाकर ऊपर से दूध भी पी लेते हैं। ऋतु अनुसार आहार का सेवन जरूरी है। बारिश के दिनों में तली हुई चीजों का सेवन किया जाता है, इसका कारण है कि उन दिनों फफूंद अधिक लगता है।

तली हुई चीजों के खाने से फफूंद से बचा जा सकता है। नया अनाज शरीर में पाचन के लिये दिक्कत पैदा करता है, इसी कारण अप्रैल में नवरात्रों में 9 दिन का व्रत रखा जाता है। जड़ी-बूटियों के उपयोग की भी अपनी महत्ता है। डाइटीशियन को इन सबके बारे में जानकारी दी जाएगी ताकि वे योग के साथ-साथ लोगों को आहार के बारे में भी जागरूक कर सकें। उन्होंने कहा कि बेमेल भोजन से मन, बुद्धि, मस्तिष्क पर बुरा असर पड़ता है।

बचाव और उपचार दोनों क्षेत्रों में सरकार आगे बढ़ रही है।उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के सात साल में सार्थक परिणाम सामने आये हैं। न केवल प्रदेश में लिंगानुपात सुधरा है बल्कि लड़कियां पढ़ाई में एक नंबर पर है। रोहतक मेडिकल कॉलेज में लड़कियों की संख्या 55 प्रतिशत हो गई है। इससे पहले भाजपा सांसद संजय भाटिया ने मुख्यमंत्री ने आज चिकित्सा क्षेत्र की जिन परियोजनाओं का शिलान्यास किया है, उनके पूरा होने से न केवल लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध होंगी बल्कि बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। 

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