गीता के ज्ञान की प्रासंगिकता आज भी उतनी ही है : स्वामी ज्ञानानंद
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 40 एवी बूस्टर नामक प्रेरक वचन का भी शुभारंभ किया। यह प्रेरक वचन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ-साथ स्वामी ज्ञानानंद महाराज व अन्य विद्वानों के प्रेरक वचन होंगे जो प्रदेश के सभी कर्मचारियों तक पहुंचाए जाएंगे।
करनाल 31 जनवरी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 40 एवी बूस्टर नामक प्रेरक वचन का भी शुभारंभ किया। यह प्रेरक वचन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ-साथ स्वामी ज्ञानानंद महाराज व अन्य विद्वानों के प्रेरक वचन होंगे जो प्रदेश के सभी कर्मचारियों तक पहुंचाए जाएंगे। गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल गीता को अपनी प्रेरणा मानते हैं और गीता का व्यावहारिक ज्ञान भी यही है कि हमारे आचरण में वह बातें सिद्ध हो जो हम गीता से सीख कर अपने दैनिक जीवन में उतारते हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञान की पूर्णता तभी प्रकट होती है जब संघर्ष सामने हो।
अच्छाई बुराई श्रेयस और प्रेयस का भी तब ही पता चलता है। स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि बुराई प्रारंभ में अच्छाई लगती है, लेकिन उसका परिणाम हमेशा बुरा होता है। इसी तरह अच्छाई शुरुआत में कठिन होती है लेकिन उसका परिणाम हमेशा अच्छा रहता है। इसके लाखों उदाहरण आज समाज में दिखाई देते हैं। हमें अपने जीवन प्रबंधन में भी गीता को उतारना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी नित्य रूप से गीता का पाठ करते हैं। उन्होंने भी कर्म योगी बनने के सिद्धांत को सोच और दृष्टिकोण को बदलने के लिए कहा है इसलिए हम सबको स्वार्थ को छोडक़र पुरुषार्थ और परमार्थी बनना चाहिए। कार्यक्रम में हिपा की महानिदेशक चंद्रलेखा मुखर्जी ने हिपा की तरफ से मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित स्वामी ज्ञाननंद व अन्य सभी का स्वागत अभिनंदन किया।
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