घरौंडा तहसील के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पर लगाया एक हजार रुपए रिश्वत लेने के आरोप, पीडि़त ने नायब तहसीलदार को शिकायत दी

Nov 8, 2024 - 20:05
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घरौंडा तहसील के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पर लगाया एक हजार रुपए रिश्वत लेने के आरोप, पीडि़त ने नायब तहसीलदार को शिकायत दी

करनाल, 8 नंबवर। घरौंडा तहसील कार्यालय में वसीका नकल के लिए रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है, जिसमें एक चतुर्थश्रेणी कर्मचारी पर आरोप लगा है। गांव स्टौंडी निवासी कर्ण सिंह चौपड़ा का आरोप है कि वह पिछले छह महीने से अपनी जमीन के इंतकाल और वसीका नकल के लिए तहसील कार्यालय के चक्कर काट रहा थे, लेकिन कर्मचारी उसे बार-बार टरकाते रहे। जब उसे हाईकोर्ट में तारीख नजदीक आने के कारण वसीका नकल की तत्काल जरूरत पड़ी, तो उसे 10 रुपए के स्टाम्प पर आवेदन करने के बावजूद एक हजार रुपए देने पड़े।

शिकायत दर्ज कराने के बाद तहसील कार्यालय में हलचल मच गई है और तहसील प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। कर्ण सिंह ने बताया कि जब वह वसीका की नकल के लिए कर्मचारी अंकुर से मिला, तो उसने उनसे 500-500 रुपए के दो नोट, कुल एक हजार रुपए ले लिए। जब कर्ण ने रसीद की मांग की, तो कर्मचारी ने रसीद देने से आनाकानी की, जिससे पीडि़त को शक हुआ कि उससे सरकारी फीस के नाम पर रिश्वत ली जा रही है। जिस के बाद कर्ण सिंह ने इसकी शिकायत नायब तहसीलदार को कर दी। नायब तहसीलदार के कार्यालय में शिकायत दर्ज कराने पर कर्मचारी ने तुरंत पैसे वापस कर दिए और गलती मान ली।

कर्ण सिंह ने बताया कि पिछले छह महीने से वह इंतकाल और अन्य कागजात के लिए तहसील कार्यालय में धक्के खा रहा था, परंतु हर बार उसे कोई न कोई बहाना बनाकर वापस भेज दिया जाता था। तहसील कार्यालय की इस अनियमितता से वह परेशान हो गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए उसने नायब तहसीलदार को शिकायत दी, जिसके बाद मामला उजागर हुआ और जांच प्रक्रिया शुरू हुई। नायब तहसीलदार अरविंद यादव ने कहा कि कर्ण सिंह द्वारा शिकायत में लगाए गए आरोपों की गहनता से जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि तथ्यों के आधार पर निष्पक्ष रूप से कार्यवाही की जाएगी, ताकि कार्यालय में भ्रष्टाचार की जड़ें खत्म की जा सकें और जनता को न्याय मिले।

उल्लेखनीय है कि हरियाणा सरकार ने प्रदेश की तहसीलों में आदेश पारित किए हुए है कि किसी भी भूमि, प्लाट, मकान व भूखण्ड की रजिस्ट्री होने के 24 घण्टे के भीतर रजिस्ट्री व इंतकाल रजिस्ट्री कराने वालो को मिल जाना चाहिए, जब कि ये रजिस्ट्री 13 मई 2024 को कराई गई थी। इधर कर्ण सिंह का कहना है कि जब उन से चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी ने रिश्वत के पैसे लिए थे, तो उसकी वहां पर लगे सीसीटीवी कैमरों में पैसे लेने का विडियों रिकॉड हो गया था, उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस विडियों को सुरक्षित रखा जाए और उन्हें इंसाफ दिलाया जाए।

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