शहर में 5126 पथ विक्रेता ले चुके हैं 10, 20 व 50 हजार रूपये के ऋण का लाभ : अभिषेक मीणा
इस बारे निगमायुक्त ने बताया कि करनाल टाऊन में कुल 6109 स्ट्रीट वैंडरों की पहचान की गई है। इसमें से अब तक 3448 को 10 हजार रूपये का, 1353 को 20 हजार रूपये तथा 325 को 50 हजार रूपये का ऋण विभिन्न बैंको से मुहैया करवाया जा चुका है।
करनाल : प्रधानमंत्री स्ट्रीट वैंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) स्कीम के तहत नगर निगम पथ विक्रेता/रेहड़ी-फड़ी वालों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए नए लाईसेंस जारी कर रहा है। इसके लिए नेहरू पैलेस स्थित निगम कार्यालय (ओल्ड इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट) में एक हैल्प डैस्क भी स्थापित है। स्कीम का लाभ लेने के लिए कोई भी पथ विक्रेता यहां से ऋण सम्बंधी जानकारी ले सकता है।
नगर निगम आयुक्त अभिषेक मीणा ने बताया कि पीएम स्वनिधि वर्ष 2020 में कोविड महामारी के बाद शुरू हुई थी। कोविड में रेहड़ी-फड़ी लगाने वाले लोगों का व्यवसाय चोपट हो गया था। ऐसे लोगों की आर्थिक मदद करके उनके व्यवसाय को फिर से जीवित कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि स्कीम लागू की गई थी, जिसमें बिना गारंटी के 10 हजार रूपये का ऋण दिया जाता था। जो लोग मासिक किश्तों में इस ऋण को चुका देते हैं, वह सम्बंधित बैंक से ही 20 हजार रूपये का ऋण ले सकते हैं। इसी प्रकार 20 हजार रूपये का ऋण चुकाने के बाद 50 हजार रूपये ऋण का लाभ भी इसी स्कीम में दिया जा रहा है, जो सम्बंधित बैंक से ही मिलेगा। खास बात यह है कि ऋण पर लगने वाले ब्याज में से लाभार्थी को 9 प्रतिशत की सब्सिडी मिलती है, शेष 1 या 2 प्रतिशत ऋण ही चुकाना पड़ता है।
निगमायुक्त ने बताया कि नए स्ट्रीट वैंडरों को ऋण प्राप्त करने के लिए अटल सेवा केन्द्र में जाकर पीएम स्वनिधि पोर्टल पर आवेदन देना होगा। स्ट्रीट वैंडर नेहरू पैलेस स्थित नगर निगम कार्यालय में फार्म भरने के बाद भी अटल सेवा केन्द्र में जा सकते हैं। आवेदन के लिए लाभार्थी को फोटो, आधार कार्ड और बैंक कॉपी की फोटो प्रति देनी होगी। फार्म भरने के बाद स्ट्रीट वैंडर की वेरीफिकेशन होती है और फिर उसे ब्रिकी प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि जो स्ट्रीट वैंडर डिजीटल तरीके से पैसे का लेन-देन करेगा, उसे कैश बैक का लाभ मिलता है। उदाहरण के तौर पर जो वैंडर साल में 100 डिजीटल ट्रांजैक्शन करेगा, उसे कम से कम 100 रूपये मासिक कैश बैक का लाभ मिलेगा। इस तरह से लाभार्थी को न मात्र ही ब्याज चुकाना पड़ता है।
दूसरे राज्यों से आए पथ विक्रेताओं के खुलेंगे बैंक खाते
निगमायुक्त ने बताया कि उत्तर प्रदेश, बिहार या अन्य किसी राज्य से आए नागरिक, जो यहां पथ विक्रेता का काम कर रहे हैं, अब ऐसे लोगों के भी बैंक खाते खोले जाएंगे। खाता खुलवाने के लिए नागरिक आधार कार्ड व पैन कार्ड अवश्य लेकर जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए वह, इंडियन बैंक, यूको बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया या अन्य किसी भी बैंक में खाता खुलवा सकते हैं।
उन्होंने सभी पथ विक्रेताओं से अपील करते कहा कि वह अपना रजिस्ट्रेशन अवश्य करवाएं। जो रजिस्ट्रेशन नहीं करवाएगा, शहर में उसकी रेहड़ी नहीं लगने दी जाएगी। उन्होंने कहा किवे नेहरू पैलेस स्थित नगर निगम कार्यालय में आकर पीएम स्वनिधि स्कीम का फार्म भरें या फिर अपने नजदीकी अटल सेवा केन्द्र में जाकर अप्लाई करें, प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें बैंक से लोन मिल जाएगा।
करनाल टाऊन में लाभार्थी स्ट्रीट वैंडरों को मिला ऋण
इस बारे निगमायुक्त ने बताया कि करनाल टाऊन में कुल 6109 स्ट्रीट वैंडरों की पहचान की गई है। इसमें से अब तक 3448 को 10 हजार रूपये का, 1353 को 20 हजार रूपये तथा 325 को 50 हजार रूपये का ऋण विभिन्न बैंको से मुहैया करवाया जा चुका है।
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