अंतरीक्ष परी कल्पना चावला के पिता बनारसी लाल चावला का उपचार के दौरान हुआ निधन, शव मेडिकल कॉलेज को किया दान

अंतरीक्ष परी कल्पना चावला के पिता एंव समाजसेवी श्री बनारसी लाल चावला का गत देर रात को उपचार के दौरान निधन हो गया है। श्री चावला कई दिनों से बीमार चल रहे थे और उनका कुछ दिनों से करनाल के अमृतधारा अस्तपाल में उपचार चल रहा था।

Oct 3, 2023 - 20:32
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अंतरीक्ष परी कल्पना चावला के पिता बनारसी लाल चावला का उपचार के दौरान हुआ निधन, शव मेडिकल कॉलेज को किया दान

करनाल, 3 अक्तूबर। अंतरीक्ष परी कल्पना चावला के पिता एंव समाजसेवी श्री बनारसी लाल चावला का गत देर रात को उपचार के दौरान निधन हो गया है। श्री चावला कई दिनों से बीमार चल रहे थे और उनका कुछ दिनों से करनाल के अमृतधारा अस्तपाल में उपचार चल रहा था। जानकारी के मुताबिक बनारसी लाल चावला स्थानीय निक्का सिंह कुटिया व निर्मलधाम अश्राम से जुड़े हुए थे और लंबे समय से समाज की सेवा कर रहे थे।

उनके निधन की सूचना मिलते ही पूरे शहर में शोक में डूबा हुआ है। इधर जैसे ही यह खबर उनके परिवार तक पहुंची तो परिवार सहित समाज के गणमान्य व्यक्ति वहां पहुंच गए थे। श्री चावला के निधन की जानकारी देते हुए उनके बेटे ने बताया कि उनके पिता 2014 में एक वसीयत लिख कर गए थे कि उनके देहांत के बाद उनके शव को करनाल के कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज एंव अस्पताल को दान कर दिया जाए, ताकि उनके शव पर हमारे वैज्ञानिक इस पर रिर्सच कर सकें। इधर श्री चावला के निधन की सूचना मिलने पर हरियाणा के मुख्यमंत्री एंव करनाल के विधायक मनोहर लाल ने उन्हें दुख प्रकट किया है।

बनारसी लाल चावला का निधन से पूरे समाज के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। इसमें कोई शक नही है कि अधिकांश लोग उन्हें अंतरिक्ष परी कल्पना चावला के पिता के रूप में जानते थे, लेकिन उनका अपना व्यक्तित्व इतना महान था कि उनके प्रति श्रद्धा से सिर अपने आप झुकता है। जीवन प्रयन्त उन्होंने समाज की बेहतरी के लिए काम किया और मरने के बाद भी वो समाज के काम आ रहे हैं, क्यों कि उन्हें मरने से पहले अपनी देह का मेडिकल कॉलेज के लिए दान कर दिया था। विद्यार्थियों को मोटीवेट करना, गरीब बेटियों को कंप्यूटर व अन्य कोर्स निशुल्क करवाने और निशुल्क शिक्षा देने जैसे अनेक कार्य हैं, जो उनके साथ जुड़े हैं।

 उनकी खास बात ये थी कि वो किसी फंक्शन में बुके व मेमेंटो नहीं लेते थे। अब उनके पार्थिव शरीर का संस्कार करने के स्थान पर कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज एंव अस्तपाल में दान दिया जाएगा, ताकि मेडिकल स्टूडेंट इस पर रिसर्च कर सकें। लगभग 1:30 बजे उनके पार्थिव शरीर को निर्मल कुटिया लाया गया। ज्ञात रहे कि 16 जनवरी 2003 को कल्पना चावला ने कोलंबिया फ्लाईट एसटीएस-107 से दूरी बार उड़ान भरी और एक फरवरी 2003 को कल्पना चावला का अंतरीक्ष यान पृथ्वी पर लौटते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसें में मिशन में शामिल सातों लोगों की मृत्यु हो गई थी, जिस में कल्पना चावला भी शामिल थी।

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