सात राईस मिलरों से 244 गाडिय़ां चावल बकाया, सरकार को लग सकता है 23 करोड़ का फटका
डीएसएससी विभाग ने किया नोटिस जारी. पूर्व राईस मिल एसोसिएशन के प्रधान की दो राईस मिलों से 110 गाडिय़ां बकाया, मामला गमार्या
विकास सुखीजा
करनाल, 3 अक्तूबर। गत वर्ष धान सीजन के दौरान लगभग 173 राईस मिलरों को 65,83,946 किवंटल धान कुटाई के लिए अलाट किया गया था, लेकिन सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों की लारपवाही के चलते अब सात राईस मिलरों ने लगभग 244 गाडिय़ों का भुगतान नही किया है, जिस कारण सरकार को लगभग 23 से 24 करोड़ रुपए का फटका लगने के आसार बन गए है। जिला खाद्य आपूर्ति एंव नियंत्रण विभाग ने इन डिफालटरों को नोटिस थमाते हुए इस बार के धान सीजन में कुटाई कराए जाने वाले धान की सूची से आऊट कर दिया गया है।
डीएफएससी अनिल कालड़ा का साफ तौर पर कहना है कि इन राईस मिलरों को नोटिस भेजा जा रहा है और जल्द से जल्द चावल जमा कराए जाने के लिए कहा गया है। इसके अलावा उन्होंने ये भी साफ कर दिया है कि जितने भी राईस मिलरों को कुटाई के लिए धान दिया जाता है, उस से पहले उनकी प्रोपर्टी को सरकार के पास प्लज यानि कि गिरवी रख लिया जाता है, ताकि कोई भी सरकार के साथ धोखाधड़ी न कर सकें। श्री कालडा का ये भी कहना है कि यदि अभी भी इन राईस मिलरों ने सरकार का माल नही लोटाया तो इनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही तो अमल में लाई जाएगी और साथ ही इन द्वारा सरकार के पास गिरवी रखी प्रोपर्टी को बेचकर इन से रिकवरी भी की जा सकती है।
उन्होंने एक खास बातचीत में बताया कि राईस मिलर्स एसोसिएशन के पूर्व प्रधान की दो फर्माे जिन में से रियल एग्रो करनाल ने चावल की 54 गाडिय़ों व गोयल ओवर्सिस करनाल ने 56 चावलों की गाडिय़ों विभाग को देनी है। इसके अलावा घरौंडा की रोहित ट्रेडिंग कंपनी ने 38 गाडिय़ां देनी है। इन्द्री की कश्यप फूड ने 11, नीलोखेड़ी की केडी ओवर्सिस नीलोखेड़ी ने 50 गाडिय़ां चावल की और तरावड़ी की देव इंडस्ट्रिी तरावड़ी ने 13 गाडिय़ां व प्रिधि फूड निसिंग ने दो गाडिय़ां चावल की विभाग को देनी है। उन्होंने बताया कि इस बार के सीजन की खरीद शुरू हो चुकी है, लेकिन जो राईस मिलर्स डिफालटर हो चुके है उनक से रिकवरी के भर पूर प्रयास किए जा रहे है और इन को इस बार किसी भी मंडी में घुसने तक नही दिया जाएगा।
डीएफएसी अनिल कालरा ने बताया कि बकाया राईस मिलरों को 30 सिंतबर 2023 का अंतिम समय दिया गया था, ताकि वे सरकार का बकाया चावल विभाग को जमा करवा दें, लेकिन अभी सात राईस मिलरों ने सरकार की 244 गाडिय़ां वापीस नही की है, जिस के चलते उन्हें नोटिस भेजा गया है और सख्त से सख्त कार्यवाही अमल में लाने की तैयारी की जा रही है। ऐसे में संभावनाएं जताई जा रही है कि एक बड़े स्तर पर चावल का घोटाला किए जा सकता है। इधर अपने पर सरकारी कार्यवाही होती देख कुछ राईस मिलर्स अभी विभाग के चक्कर काटने में लगे हुए ताकि उन्हें और समय मिल सकें, लेकिन विभाग ने भी साफ कर दिया है कि अब समय नही दिया जाएगा और जल्द से जल्द रिकवरी की जाएगी।
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