गंगा दशहरे पर यमुना घाट पर की महाआरती
विधायक हरविंद्र कल्याण ने पौधे वितरित कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया
करनाल 16 जून। मां यमुना सेवा समिति की ओर से ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि रविवार को गंगा दशहरा पर्व मां यमुना के कुंडा कला घाट पर श्रद्धा एवं धूमधाम से मनाया गया। संत प्रेमपाल सागर के सानिध्य में श्रद्धालुओं ने यमुना स्नान उपरांत हवन-यज्ञ किया। उसके बाद शंखनाद व घंटियों की घनघनाहट के साथ यमुना मैया की प्रात:कालीन महाआरती की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि घरौंडा हलके से विधायक हरविंद्र कल्याण ने श्रद्धालुओं को गंगा दशहरे की बधाई देते हुए पौधे वितरित कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि प्रकृति के संरक्षण और मानव के अस्तित्व के लिए पेड़ों का होना अति आवश्यक है।
अपने बच्चों की तरह इन पौधों की देखभाल करें। इससे न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य भी सुखमय होगा। उन्होंने कोरोना काल का जिक्र करते हुए चेताया कि किस तरह से ऑक्सीजन की वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ी थी। इसलिए प्रत्येक नागरिक को पर्यावरण की चिंता करनी चाहिए। समिति के पदाधिकारियों ने शॉल व स्मृति चिन्ह भेंट कर विधायक का स्वागत किया। दिन भर यमुना तट पर अटूट लंगर चलाया गया। पंडित अनूप द्विवेदी व पंडित अरविंद द्विवेदी ने मंत्रोच्चारण कर हवन संपन्न कराया।
सरपंच एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष रतन सिंह, महमदपुर गांव के सरपंच महेंद्र सिंह, कुंडा कला के सरपंच शिवकुमार, कुंजपुरा के पूर्व सरपंच महेंद्र फौजी, समाजसेवी संतोष राणा, इंजीनियर रजनीश, शिमला देवी व अन्य श्रद्धालुओं ने हवन में आहुति डाल भारत के विकसित राष्ट्र बनने की कामना की। शिव मंदिर कुंजपुरा कमेटी के प्रधान प्रसिद्ध भजन गायक अश्विनी छाबड़ा ने तेरी यमुना दा मीठा-मीठा पाणी मां टंकियां भर लैण दे... भजन गाया तो श्रद्धालु झूमने पर विवश हो गए।
शिक्षक अश्विनी शर्मा, कपिल शर्मा, हरिओम पांचाल, सचिन प्रोचा, तरुण, काजल गहलोत, पंकज की भजन मंडली ने मां यमुना की महिमा का बखान किया। इस मौके पर सेवादार जिम्रास्टिक कोच विजय कश्यप, अंशुल राणा, विक्की सिंह, राजपाल रोजड़ा, दीपांशु गुगलानी, रामेश्वर देव, सुनील धारीवाल, शीशपाल कल्याण व अन्य ने सेवा की। समिति की ओर से पिछले वर्ष गंगा दशहरे पर गंगा मैया की तर्ज पर यमुना मैया की महाआरती की शुरूआत की गई थी। वर्ष भर में यह तीसरा सफल आयोजन किया गया है। इसको लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह है। पूरा दिन घाट पर स्नान करने वालों का तांता नहीं टूटा।
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